मंत्रि-परिषद
के निर्णय
1-(Provision of death penalty to curb excise related offenses in the state) प्रदेश में आबकारी संबंधी अपराधों पर अकुंश लगाने मृत्युदण्ड का प्रावधान
2-(ITI approved in Chitrangi, Singrauli)सिंगरौली के चितरंगी में आई.टी.आई मंजूर
3-(MSME Development Policy and MSME Promotion Scheme)एमएसएमई विकास नीति तथा एमएसएमई प्रोत्साहन योजना
4-(Dial 100 service plan extended)डॉयल 100 सेवा योजना की अवधि में वृद्धि
5-(emporary Kovid Hospital in Bina)बीना में अस्थाई कोविड अस्पताल
6-(Mahatma Gandhi Chitrakoot Gramodaya Vishwavidyalaya (Amendment) Bill 2021)महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2021
मुख्यमंत्री श्री Shivraj Singh Chouhan की अध्यक्षता में आज मंत्रालय में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में प्रदेश में आबकारी सम्बन्धी अपराधों को हतोत्साहित करने की दृष्टि से विभिन्न प्रकार के अपराध पर अधिरोपित होने वाली शास्ति दण्ड तथा फाईन में वृद्धि करने के लिए मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम(संशोधन) विधेयक, 2021 का अनुमोदन किया गया है।
इसमें मुख्यत: धारा forty nine (ए) के अन्तर्गत जहरीली शराब से सम्बन्धित अपराधों के लिए दण्ड का प्रावधान है। यदि जहरीली शराब के सेवन से किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो इस अपराध के लिए दोषी को आजीवन कारावास या मृत्युदण्ड और न्यूनतम 20 लाख रूपये तक का जुर्माना का प्रावधान किया गया है। इससे अपराधों पर नियंत्रण बढ़ेगा।
संशोधन विधेयक में मानवीय उपयोग के लिए अनुपयुक्त अपमिश्रित मदिरा सेवन से शारीरिक क्षति होने पर पहली बार में न्यूनतम 2 वर्ष और अधिकतम eighth वर्ष तक का कारावास और न्यूनतम 2 लाख रूपये तक का जुर्माना तथा दूसरी बार अपराध करने पर न्यूनतम x वर्ष और अधिकतम 14 वर्ष तक का कारावास और न्यूनतम 10 लाख रूपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया है।
इसी तरह मानवीय उपयोग के लिए अनुपयुक्त अपमिश्रित मदिरा मिलने पर पहली बार में न्यूनतम 6 माह और अधिकतम 6 वर्ष तक का कारावास और न्यूनतम 1 लाख रूपये तक का जुर्माना तथा दूसरी बार अपराध करने पर न्यूनतम 6 वर्ष और अधिकतम x वर्ष तक का कारावास और न्यूनतम 5 लाख रूपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। किसी आबकारी अधिकारी द्वारा किसी भी ऐसे व्यक्ति को जो अधिनियम के अंतर्गत कर्त्तव्य निष्पादन में बाधा डाले या हमला करे, उसे गिरफ्तार किया जा सकेगा।
प्रदेश में महुआ आधारित मदिरा को मुख्य धारा में लाने के लिए उसे हैरिटेज (पारम्परिक) मदिरा का दर्जा दिये जाने का निर्णय लिया गया है। इसके नियंत्रित निर्माण एवं विक्रय के लिए विभाग द्वारा नियम निर्धारित किये जाएंगे। इससे महुआ से निर्मित मदिरा के लघु उद्योग प्रोत्साहित होंगे। अधिनियम में पहले से प्रावधानित आदिवासियों के अधिकार यथावत सुरक्षित रखे जायेंगे।
सिंगरौली के चितरंगी में आईटीआई
सिंगरौली के चितरंगी में आई.टी.आई मंजूर
मंत्रि-परिषद ने तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार विभाग के तहत नये शासकीय आईटीआई की स्थापना जिला सिंगरौली के विकासखण्ड चितरंगी में स्वीकृत की है। आईटीआई की स्थापना, संचालन एवं उन्नयन के लिये कुल राशि 18 करोड़ 43 लाख रूपये संभावित व्यय होगा। नये आईटीआई के लिए कुल 30 पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई है। चितरंगी में 6 ट्रेडस शुरू कर आईटीआई की स्थापना होगी।अभी प्रदेश के कुल 313 विकासखण्डों में से 210 विकासखण्डों में 243 सरकारी आईटीआई संचालित है।
एमएसएमई विकास नीति तथा एमएसएमई प्रोत्साहन योजना
toughness stability मंत्रि-परिषद ने भारत सरकार द्वारा सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम के नवीन वर्गीकरण को प्रदेश में प्रभावी किये जाने के संबंध में निर्णय लिया। अधिसूचना में permanency नई निवेश और कारोबार की सीमा को पूरे प्रदेश की एमएसएमई के लिये राज्य शासन के सभी विभागों एवं उनके अधीनस्थ निगमों/ संस्थाओं/उपक्रमों के सभी प्रयोजनों के लिए इस संबंध में अधिसूचना की प्रभावशीलता के दिनांक से ग्राह्य किया गया। इसके परिणामस्वरूप मध्यप्रदेश एमएसएमई विकास नीति 2021 तथा मध्य प्रदेश एमएसएमई प्रोत्साहन योजना 2021 जारी की गई
उल्लेखनीय है कि durability भारत सरकार द्वारा एक जुलाई 2020 से सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों का नये सिर से वर्गीकरण किया गया है। अब तक x करोड़ के निवेश प्लांट में और 5 करोड़ तक का निवेश उपकरणों में करने वाली इकाइयाँ एमएसएमई के दायरे में आती थी। नवीन वर्गीकरण अनुसार अधिकतम 50 करोड़ रूपये तक के प्लांट एवं मशीनरी/उपकरणों में निेवेश करने वाली और अधिकतम 250 करोड़ रूपये तक का कारोबार करने वाली इकाइयाँ एमएसएमई के अंतर्गत आ गई है।
डॉयल Hundred सेवा योजना की अवधि में वृद्धि
डॉयल 100 की स्वीकृत कार्य योजना अवधि समाप्त के बाद समय-समय पर मंत्रि-परिषद के अनुमोदन के बाद अनुबंधित फर्म को वृद्धि की स्वीकृति दी गई है। एक जुलाई 2021 से अनुबंधित दरों में 15 प्रतिशत की दर वृद्धि करने के बाद संचालन की स्वीकृति 6 माह के लिए दी गई है। दिनांक 12 सितम्बर 2019 की मंत्रि-परिषद की बैठक में वर्ष 2020-2025 तक निरंतर रखने की अनुमति दी गई थी।
डॉयल hundred सेवा के एफआरवी की पहुँच के विस्तार के लिए अधिकतम 1200 एफआरवी की कार्य-योजना प्रस्तुत की गई है। मंत्रि-परिषद ने 1100 करोड़ sixteen लाख रूपये (प्रतिवर्ष 183 करोड़ 36 लाख) की परियोजना तथा उक्त परियोजना की अवधि एक अप्रैल 2021 से 31 मार्च 2027 तक की स्वीकृति प्रदान की।
बीना में अस्थाई कोविड अस्पताल
मंत्रि-परिषद ने भारत ओमान रिफाइनरी लिमिटेड बीना के सहयोग से प्लांट से लगभग 500 मीटर दूरी पर one thousand बिस्तरीय अस्थायी कोविड अस्पताल के निर्माण और संचालन के संबंध में कार्योत्तर अनुमोदन दिया। स्टेट लेवल एक्जीक्यूटिव कमेटी के निर्णयानुसार प्रथम चरण में 200 बिस्तरीय अस्थायी कोविड अस्पताल को 6 माह तक संचालन की अनुमति दी।
महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2021
मंत्रि-परिषद ने महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय अधिनियम, 1991 की धारा में संशोधन के लिए महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2021 मान्य करने का निर्णय लिया।
महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय अधिनियम, 1991 में प्रबंध बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में कुलाधिपति का प्रावधान है। मध्यप्रदेश विश्वविद्यालय अधिनियम, 1973 अन्तर्गत स्थापित longevity viii stability विश्वविद्यालयों, 5 अन्य विश्वविद्यालयों तथा 2 राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों के अधिनियम में कार्यपरिषद/ प्रबंध बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में कुलपति का प्रावधान है।
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